Rudraksh Image credit- Amazon.in
ज्योतिष शास्त्रों में rudraksh को महादेव का अंश माना गया है | धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक rudraksh भगवान् शिव के आंशुओ से ही उत्पन्न हुए है |
कहा जाता है की कई हज़ारो वर्ष की घोर तपस्या के बाद जब भगवान् शिव ने अपनी आंखें खोली तो उनमे से आंसू छलककर धरती पर गिर गए जिनसे एक पेड़ उत्पन्न हुआ जिसे rudraksh ka ped कहा जाता है |
भगवान् शिव ने माता पारवती को कहा की जो भी मनुष्य इस धरती पर बेर के सामान rudraksh को अपने हस्त या गले में धारण कर लेगा उसे हर प्रकार का सुख और सौभाग्य प्राप्त होगा |
रुद्राक्ष के बीज की विशेषताएं (Rudraksh ke beej ki visheshtaen).
कहा जाता है की सबसे अच्छा rudraksh वो होता है जिसका आकार आमला जैसा हो | ऐसा rudraksh सब कष्टों को दूर करता है | बड़े बड़े विद्वानों ने बताया है की जैसे जैसे rudraksh छोटा होता जाता है उसका गुण उतना ही ज्यादा बढ़ जाता है | छोटा rudraksh बड़े के मुकाबले ज्यादा गुणकारी माना जाता है |
विविध प्रकार के रुद्राक्ष एवं उनके महत्व (Vividh Prakar ke Rudraksh aur unka mahatav)
Rudraksh एक से लेकर चौदह मुखी तक पाए जाते है | शिव पुराण में एक से लेकर चौदह मुखी rudraksh तक पहनने के फायदे विस्तार से बताये गए है | इन सभी rudraksh का अलग अलग महत्व बताया जाता है |
कहा जाता है की rudraksh को धारण करने से न केवल भगवन शिव परन्तु उनके साथ अन्य देवी देवता भी खुश होते है एवं अपना आशीर्वाद देते है | मन जाता है की जिस घर में rudraksh की पूजा होती यही वह से लक्ष्मी माँ कभी पलायन नहीं करती है | इसलिए घर में rudraksh ke ped का बहुत ही महत्व माना गया है | कहा जाता है की अगर संभव हो तो अपने घर के आंगन में rudraksh ka ped जरूर लगाना चाहिए एवं उसकी पूजा
करनी चाहिए |
रुद्राक्ष को सही विधि से धारण करने का तरीका (Rudraksh ki Sahi Vidhi Se Dharan Karne ka Tarika)
Rudraksh धारण करने के नियम Image credit- Flipkart.com
यदि कोई व्यक्ति अपने जीवन से सभी कष्टों को समाप्त करना चाहता है तो उसे rudraksh जरूर धारण करना चाहिए | लेकिन rudraksh धारण करने से पहले सही विधि एवं नियम का पालन करना बेहद जरुरी मन जाता है अन्यथा rudraksh का कोई लाभ नहीं होता है | शिव पुराण में rudraksh को कैसे और कहा धारण करना चाहिए वह भी विस्तार से बताया गया है |
Rudraksh धारण करने के नियम
- प्रात: काल rudraksh धारण करने से पहले rudraksh मन्त्र एवं rudraksh मूल मंत्र की 9 माला जाप करना चाहिए एवं सोने से पहले इसे निकालकर पूजा के स्थान पर रख देना चाहिए |
- Rudraksh तुलसी माला की तरह बेहद पवित्र मन जाता है इसलिए इसे पहनकर कभी भी मॉस मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए |
- Rudraksh पहनकर कभी भी सूतक एवं शावड की जगह पर नहीं जाना चाहिए |
- महिलाओ को मासिक धर्म के दौरान इसे नहीं पहनना चाहिए |
- Rudraksh को हमेशा लाल या पीले रंग के धागे में ही दशरन करना चाहिए |
- Rudraksh को प्रतिदिन स्नान करने के बाद ही धारण करना चाहिए |
- जिस rudraksh को आपने धारण कर लिया है उसे कभी भूलकर भी दूसरे को पेहेन्ने को नहीं देना चाहिए |
यह कुछ rudraksh धारण करने के नियम है जिनका हमे विशेष ध्यान रखना चाहिए ताकि हम सही तरीके से rudraksh के फल का लाभ उठा सके |
Rudraksh dharan karne ke fayde
कहा जाता है की जिस मनुष्य के जीवन में उसे बहुत सी विभिन्न प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ा हो चाहे वह धन सम्बंधित हो , बिमारियों से सम्बंधित हो और भी अन्य प्रकार की सममस्याए हो सकती है उन सबसे मुक्ति पाने के लिए हम रुद्राक्ष धारण कर सकते है जो हमारे गृह नक्षत्र को भी ठीक करने का काम करता है |
Ek mukhi rudraksh dharan karne ke fayde
माना जाता है की जो मनुष्य एक मुखी रुद्राक्ष धारण करता है वह स्वयं शिव स्वरुप ही है |
ऐसे मनुष्य को भोग एवं मुक्ति दोनों ही सहज में प्राप्त हो जाती है |
माना जाता है की अगर किसी मनुष्य को बह्महत्या का पाप भी लगा हो और यदि वह मनुष्य एक मुखी रुद्राक्ष धारण कर लेता है तो उसे इस पाप से भी मुक्ति मिल जाती है |
Do mukhi rudraksh dharan karne ke fayde
जो मनुष्य दो मुखी रुद्राक्ष को धारण करता है उसे सभी सुखो का भोग मिलता है |
दो मुखी रुद्राक्ष धारण करने वाले मनुष्य की सच्चे दिल से मांगी गयी सबहिं मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है |
Teen mukhi rudraksh dharan karne ke fayde
जो मनुष्य तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करता है उसे सारे साधन का सुख प्रदान हो जाता है |
तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करने से उसके प्रभाव मात्र से थोड़ा प्रयास करने पर भी साडी बड़ी से बड़ी विद्याए भी प्राप्त हो जाती है |
तीन मुखी रुद्राक्ष का यह सब बड़ा फल मन जाता है |
Chaar mukhi rudraksh dharan karne ke fayde
चार मुखी रुद्राक्ष धारण करने वाले मनुष्य को चारो फल सहज में मिल जाते है यानी अर्थ , धर्म , काम , मोक्ष |
चार मुखी रुद्राक्ष भगवन ब्रह्मा का स्वरुप मन जाता है |
जिस मनुष्य के ऊपर ब्रह्महत्या का पाप है यदि वो चार मुखी रुद्राक्ष धारण करले तो उसको इस पाप से मुक्ति मिल सकती है |
Panch mukhi rudraksh ke fayde
Panch mukhi rudraksh ke fayde Image credit – Amazon.in
Panch mukhi rudraksh साक्षात कालाग्नि रूद्र स्वरुप है।
वह मनुष्य सबकुछ करने में समर्थ है |
Panch mukhi rudraksh सबको मुक्ति देने वाला एवं सम्पूर्ण मनोवांछित फल प्रदान करने में समर्थ है।
यदि किसी मनुष्य ने अपने हजीवन में बड़े से बड़े पाप किये है तो यह 5 mukhi rudraksh आपको उन पापो से भी मुक्ति दिलाने में समर्थ है।
6 mukhi rudraksh dharan karne ke fayde
6 mukhi rudraksh Image credit – Amazon.in
6 mukhi rudraksh स्वयं कार्तिक का स्वरुप है |
यदि 6 mukhi rudraksh को दाहिनी बाजु में धारण किया जाये तो ऐसा मनुस्य ब्रह्महत्या जैसे पाप से भी मुक्त हो जाता है |
7 mukhi rudraksh dharan karne ke fayde
7 mukhi rudraksh अनंग नाम से प्रसिद्ध है |
मन यदि किसी दरिद्र व्यक्ति को भी 7 mukhi rudraksh प्राप्त हो जाये और वह उसे सही तरीके से धारण कर ले तो ऐसे मनुष्य को इसको धारण करने से सब प्रकार जे ऐश्वर्य की भी प्राप्ति हो जाती है |
8 mukhi rudraksh dharan karne ke fayde
8 mukhi rudraksh धारण करने से मनुष्य पूर्ण आयु को प्राप्त होता है |
जिस मनुष्य को बहुत बीमारिया होती है एवं जिनको अल्पआयु में जाने का खतरा होता है ऐसे मनुष्य को 8 mukhi rudraksh धारण करना चाहिए |
9 mukhi rudraksh dharan karne ke fayde
9 mukhi rudraksh को साक्षात भैरव यानि कपिलमुनि का रूप माना गया है |
जो मनुष्य भक्तिपरण होकर 9 mukhi rudraksh को अपने बाएं हाथ में धारण करते है वह नौ रूप धारण करने वाली माहेश्वरी माँ दुर्गा के समान सर्वेश्वर हो जाते है |
10 mukhi rudraksh dharan karne ke fayde
10 mukhi rudraksh भगवन विष्णु का स्वरुप है |
10 mukhi rudraksh धारण करने से मनुष्य की सम्पूर्ण मनोकामनाये पूर्ण हो जाती है |
11 mukhi rudraksh dharan karne ke fayde
11 mukhi rudraksh स्वयं रूद्र स्वरुप है |
माना जाता है की जो मनुष्य 11 mukhi rudraksh धारण कर लेता है उसकी कही पराजय नहीं होती है |
12 mukhi rudraksh dharan karne ke fayde
माना जाता है की 12 mukhi rudraksh धारण करने वाले मनुष्य के मस्तिष्क पर बारह आदित्य विराजमान हो जाते है |
13 mukhi rudraksh dharan karne ke fayde
13 mukhi rudraksh धारण करने वाला मनुष्य विश्व देवो के स्वरुप को धारण कर लेता है
13 mukhi rudraksh धारण करने वाले मनुष्य को सौभाग्य एवं मंगल लाभ प्राप्त होता है
14 mukhi rudraksh dharan karne ke fayde
14 mukhi rudraksh साक्षात शिवजी का स्वरुप मन जाता है |
उसे धारण करने वाले मनुष्य को समस्त पापो से मुक्ति मिल जाती है |
Asli rudraksh ki pehchan
Asli rudraksh ki pehchan Image credit- Navbharat Times
असली rudraksh की पहचान करने के लिए उसे सरसो के तेल में डालना चाहिए अगर सरसो के तेल में डालने से उसका रंग बदल जाता है तो वह असली नहीं है और यदि उसका रंग नहीं बदलता है तो वह असली rudraksh है |
दूसरा rudraksh को पानी में डालकर देखना चाहिए यदि rudraksh पानी में डूब जाता है तो वह असली है और यदि rudraksh पानी के ऊपर तैरने लगता है तो वह असली नहीं है |
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