आइये दोस्तों आज हम जानते है ब्रह्म कमल फूल के बारे में | यह फूल हिमालय की पहाड़ियों पर पाया जाता है और इसे हिमालयी फूलो का सम्राट भी कहा जाता है | पहले जानते है की इस फूल का नाम ब्रह्म कमल कैसे पड़ा | कहा जाता है की भगवन विष्णु की नाभि से एक कमल निकला था जिसके उपर ब्रह्मा जी विराजे और इसी कमल पर बैठकर ब्रह्मा जी ने सारी सृष्टि की रचना की थी | इसलिए इस फूल का नाम ब्रह्म कमल पड़ा |
यह फूल आसानी से नहीं मिलता है | इसका जीवन पांच से छह महीने का ही होता है |
यह फूल जुलाई से सितम्बर महीने के बीच खिलता है और यह फूल केवल एक रात के लिए ही रहता है | इसका खिलना देर रात शुरू होता है और यह 11 -12 बजे तक पूरी तरह खिल जाता है | आधी रात के बाद यह बंद होना शुरू हो जाता है और फिर यह मर जाता है | यह फूल नंदा देवी का प्रिय पुष्प है |
भारत के अन्य भागो में इसे और भी कई दूसरे नामो से पुकारा जाता है जैसे- हिमाचल में दूधाफूल, कश्मीर में गलगल , उत्तर पश्चिमी भारत में बरगंडटोगेस|
ब्रह्म कमल के फायदे ( Brahma Kamal Benefits )
ब्रह्म कमल को ससोरिया ओबिलाता भी कहा जाता है | इसका वनस्पतिक नाम एपिथायलम ऑक्सीपेटालाम है इसमें अनेक औषधीय गुण होते है | यह फूल औषधीय गुणों से भरा हुआ है |
ब्रह्म कमल को सुखाकर कैंसर रोग की दवा में इस्तेमाल किया जाता है इससे निकलने वाले पानी को पीने से इम्युनिटी बढ़ती है |
ब्रह्म कमल और वास्तु (Brahma Kamal Plant and Vastu)
ब्रह्म कमल के फूल को घर के ब्रह्म स्थान पर लगाने से वहां से जुड़े सभी वास्तु दोष दूर हो जाते है | शास्त्रों के अनुसार इस फूल को दरवाज़े पर टांगने मात्र से बुरी शक्तिया दूर हो जाती है |
ब्रह्म कमल फूल की विशेषता यह है की जब भी यह खिलता है तो इसमें ब्रह्म देवता का त्रिशूल की आकृति बनकर उभरता है |
इस खास बात का ध्यान रखना चाहिए की ब्रह्म कमल को न तो बेचा जाना चाहिए और न ही खरीदा जाना चाहिए इसे सिर्फ उपहार के रूप में प्राप्त किया जा सकता है | यदि आप इसे किसी नर्सरी से खरीदकर लगाते है तो यह लाभ नहीं करेगा यह केवल उपहार के रूप में ही प्राप्त करने से असर करता है |
ब्रह्म कमल की पूजा ( Brahma kamal Flower Pooja )
Brahma kamal images
केदारनाथ और बद्रीनाथ के मंदिरो में ब्रह्म कमल चढाने की परंपरा रही है | यही वह फूल है जिसे पाने के लिए द्रोपदी जी व्याकुल हो गयी थी और उनकी ज़िद्द के चलते ही भीम को बद्रिकाश्रम जाना पड़ा था |
यह फूल नंदा देवी का प्रिय पुष्प है और इसे नंदा अष्टमी के दिन ही तोडा जाता है | इस फूल को तोडने के भी सख्त नियम होते है जिनका पालन किया जाना अनिवार्य होता है | यह फूल पहाड़ियों में खिलता है जिसे वहा के रहने वाले लोग तोड़कर मंदिरो में चढ़ा देते है और फिर यही लोगो को प्रसाद के रूप में दे दिया जाता है जिसे लोग अपने घर के दरवाजे पर टाँग देते है |
ब्रह्म कमल को कैसे लगाए ( How To Plant Brahma Kamal )
इसकी एक यह भी खासियत है की एक ब्रह्म कमल के पौधे से हम और भी पौधे बना सकते है | इसे ब्रह्म कमल के पत्ते Brahma kamal leaf के द्वारा उगाया जाता है जिसमे बाद में एक महीने के अंदर समय समय पर पानी देने और देखभाल करने से जड़े निकल आती है | वैसे तो यह फूल केवल हिमालय के क्षेत्र में ही पाया जाता ह परन्तु अब लोग इसे अपने घरो में गमलो में भी लगाने लगे है | माना जाता है की जिसके घर में यह फूल खिल जाये उसे बहुत ही भाग्यशाली माना जाता है | और जो इसे खिलते समय देखकर कोई भी मनोकामना मांगी जाती है वह अवश्य ही पूरी होती है |
ब्रह्म कमल के रंग (Brahma Kamal colors)
यह फूल तीन रंगो में पाया जाता है | सफ़ेद लाल और गुलाबी रंग (white, Red and Pink Brahma kamal).इसमें कुछ प्रकार के फूलो में बैंगनी (purple shade) भी पायी जाती है | परन्तु अधिकतर सफ़ेद white और गुलाबी pink braham kamal ही गार्डन और लोगो के घरो में पाए जाते है | गुलाबी ब्रह्मा कमल Pink brahma kamal दिखने में बहुत ही सुन्दर दिखाई देता है |
Pink Brahma Kamal के बारे में अन्य जानकारी पाने के लिए आप हमारे अन्य आर्टिकल भी पढ़ सकते है |
Pink Brahma Kamal (ब्रह्मा कमल )
Very knowledgeable post. Thanks for sharing 🙂
Right here is the right webpage for anyone who would like to find out about this topic. You understand so much its almost hard to argue with you (not that I actually would want toÖHaHa). You certainly put a new spin on a topic thats been discussed for many years. Wonderful stuff, just great!
Greetings! Very helpful advice within this post! It is the little changes that will make the most significant changes. Thanks for sharing!